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hindi kahani हिंदी कहानी वह इतने लोगों के साथ रहते हुए भी अकेली थी उसकी क्या गलती थी उसका मन उस एहसास से अब तक वाकिफ ही नहीं था जो अब हुआ था उसका दिल धड़का भो तो उसके लिए जिस पर उसका कोई हक़ नहीं था | वह प्यार नहीं था धूर्त हिन्दी कहानी जाल फेंका था फंसी नहीं स्वर्ग अपना उसका काश मैने होश न गंवाया होता गुस्से ने मुझे बरबाद कर दिया गुस्सा रूपी राक्षस

Hindi बच्चों ने भी उसका साथ नहीं दिया था Stories